Station Master Kaise Bane:-दोस्तों आज की इस लेटेस्ट पोस्ट में मैं आप सभी को बताऊंगा कि Station Master Kaise Bane स्टेशन मास्टर जो होता है भारतीय रेलवे का एक इंपॉर्टेंट और सम्मानित पोस्ट होता है यह नौकरी जिम्मेदारी से भरी होती है और इसमें ट्रेनों के सुरक्षित संचालन यात्री सुविधा और स्टेशनों से संबंधित जो भी काम होता है उसको संभालना शामिल होता है अगर आप भी स्टेशन मास्टर बनने का सपना देख रहे हैं ।
तो इस आर्टिकल में मैं आपको Station Master Kaise Bane की पूरी प्रक्रिया बताऊंगा यहां पर योग्यता सिलेक्शन प्रोसेस सैलरी क्या मिलेगा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करूंगा इसलिए आप लोग इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पड़े ताकि आप लोग भीय ह समझ जाएंगे की स्टेशन मास्टर कैसे बनेंगे।
इस पोस्ट मे क्या है ये जाने
- 1 स्टेशन मास्टर का क्या क्या काम होता है?
- 2 स्टेशन मास्टर बनने के लिए जरूरी योग्यताएँ
स्टेशन मास्टर का क्या क्या काम होता है?
स्टेशन मास्टर का अगर मैं यहां पर काम की बात करूं तो अपने स्टेशन पर ट्रेनों की आवाज आई का सुचारू रूप से और सुरक्षित तरीके से सुरक्षित करना होता है वह सभी बल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए जिम्मेदार होता है इसके अलावा स्टेशन मास्टर का काम निम्नलिखित इस प्रकार से होता है जो कि नीचे पूरे विस्तार से बताया गया है।
- ट्रेन संचालन की देखरेख: स्टेशन मास्टर ट्रेनों के आगमन और आवाजाही को ट्रैक करते हैं और उसका रिकॉर्ड रखते हैं ताकि कोई भी दुर्घटना ना हो और सही ढंग से सुचारू रूप से आवाज ही ट्रेन का होता रहे।
- यात्री सुरक्षा: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन मास्टर को ही सभी नियमों का पालन करना होता है ताकि कोई भी दुर्घटना ना हो अगर आपात स्थिति हो तो उसे स्थिति में सही से मैनेज कर सके।
- सिग्नलिंग सिस्टम का प्रबंधन: ट्रेनों की सुचारू रूप से संचालन के लिए सिंगलिंग सिस्टम का सही तरीके से कार्य करना जरूरी होता है जिसे स्टेशन मास्टर के द्वारा ही कंट्रोल किया जाता है।
- प्रशासनिक कार्य: स्टेशन पर जो टिकटिंग, कर्मचारियों का प्रबंधन और जो भी प्रशासनिक कार्य होता है सभी स्टेशन मास्टर की जिम्मेदारी में आता है।
स्टेशन मास्टर बनने के लिए जरूरी योग्यताएँ
स्टेशन मास्टर बनने के लिए सबसे पहले कुछ विशेष योग्यता होनी चाहिए जिसका पालन करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है भारतीय रेलवे में स्टेशन मास्टर बनने के लिए निम्नलिखित शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता होना बहुत ही ज्यादा जरूरी मांगती है।
1. शैक्षणिक योग्यता:
- स्नातक डिग्री:स्टेशन मास्टर बनने के लिए उम्मीदवार के पास किसी भी विश्वविद्यालय से स्नातक पास मतलब की ग्रेजुएट का डिग्री होना अनिवार्य है। चाहे वह किसी भी स्ट्रीम से पास हो बस यहां पर ग्रेजुएट होना मांगता है।
- विभिन्न क्षेत्र: बीए (Bachelor of Arts), बीकॉम (Bachelor of Commerce), बीएससी (Bachelor of Science), यह किसी भी और ग्रेजुएशनपास होना मांगता है इसमें।
2. आयु सीमा:
- न्यूनतम आयु: स्टेशन मास्टर बनने के लिए कम से कम आपकी उम्र 18 साल होनी चाहिए।
- अधिकतम आयु: सामान्य केटेगरी की उम्मीदवार के लिए अधिकतम आयु यहां पर 33 वर्ष होनी चाहिए, बाकी और सभी जाति के लिए यहां पर आयु में छूट मिल जाता है।
3. शारीरिक फिटनेस:
- शारीरिक फिटनेस की जहां पर बात की जाए तो कोई भी स्टेशन मास्टर को बिल्कुल स्वस्थ होना चाहिए और उसकी आंखों की रोशनी खराब नहीं होनी चाहिए ताकि वह सिग्नल कंट्रोल आसानी से कर सके यह सभी मतलब की शारीरिक फिटनेस में वह अच्छे तरीके से स्वस्थ होना चाहिए।
स्टेशन मास्टर बनने की प्रक्रिया Station Master Kaise Bane
स्टेशन मास्टर बनने की पूरी प्रक्रिया बहुत ज्यादा चरणों में होती है इसमें निम्नलिखित परीक्षा से लेकर साक्षात्कार और दस्तावेज सत्यापन तक शामिल होता है आईए जानते हैं इस प्रक्रिया को पूरे विस्तार पूर्वक से बैठकर आसानी से
1. आवेदन प्रक्रिया:
- सबसे पहले सभी उम्मीदवार को जो भी इसके लिए एलिजिबल है जो आवेदन करना चाहते हैं सबसे पहले उम्मीदवार को रेलवे भर्ती बोर्ड रेलवे रिक्वायरमेंट बोर्ड आरआरबी द्वारा जारी की जाने वाली सूचना को के अनुसार आवेदन करना होता है आवेदन प्रक्रिया पूरी तरीके से ऑनलाइन होती है और उम्मीदवार आरआरबी की वेबसाइट पर जाकर आवेदन आसानी से कर सकते हैं।
2. लिखित परीक्षा (CBT – Computer-Based Test):
- स्टेशन मास्टर बनने के लिए पहले और सबसे महत्वपूर्ण जो एग्जाम होती है वह होती है कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम मतलब की सीबीटी टेस्ट जिसका पहला चरण होता है यह भी दो चरणों में होता है CBT-1 होता है।
- इसमें सामान्य ज्ञान गणित और सामान्य बुद्धिमत्ता और रिजनिंग जैसे संबंधित क्वेश्चन पूछे जाते हैं
- यह एक बिल्कुल प्रारंभिक परीक्षा जैसी होती है जिसमें उम्मीदवार का चयन आगे की प्रक्रिया के लिए किया जाता है ।
- (ii) दूसरा चरण (CBT 2):
- दूसरे चरण में मैं बात करूं यहां पर तो थोड़ा हार्ड क्वेश्चन पूछे जाते हैं जिसमें भी आप लोग को गणित से ज्यादा पूछे जाएंगे और रिजनिंग से तार की विमर्श से ज्यादा पूछे जाएंगे।
- इसके अलावा इसमें रेलवे से जुड़े बहुत सारे सब्जेक्ट कभी क्वेश्चंस आते हैं।
3. साइकोलॉजिकल टेस्ट (Aptitude Test):
- रिटन एग्जाम में सफल होने के बाद उम्मीदवारों को साइकोलॉजिकल टेस्ट या एप्टीट्यूड टेस्ट के लिए बुलाया जाता है इसमें जो टेस्ट होता है वह मानसिक और तार्किक क्षमता की जांच की जाती है जिसमें यह पाया जाता है सुनिश्चित किया जाता है कि उम्मीदवार इस नौकरी के लिए मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से सक्षम है या अथवा नहीं है।
4. दस्तावेज़ सत्यापन:
- साइकोलॉजिकल टेस्ट पास होने के बाद कैंडिडेट को दस्तावेज की वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाता है जिसमें उम्मीदवार की सभी डाक्यूमेंट्स को अच्छे से बारीकी से वेरीफाई किया जाता है उसके बाद आगे के प्रक्रिया के लिए भेजा जाता है। ।
5. चिकित्सा परीक्षण:
- जैसे आपका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो जाएगा उसके बाद कैंडिडेट को मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाता है जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि उम्मीदवार जो है कैंडिडेट जो है वह शारीरिक और मानसिक रूप से इस नौकरी को करने के लिए फिट है या नहीं है खास करके इस पर आंखों की रोशनी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी माप डंडों को बड़की से चेक किया जाता है।
6. प्रशिक्षण (Training):
- सभी स्टेप्स को पास हो जाने के बाद उम्मीदवार की चयनित के लिए वह हो जाता है मतलब की सिलेक्शन उसका हो जाता है उसके बाद भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है और प्रशिक्षण आमतौर पर यह एक साल से लेकर 6 महीने तक का होता है जिसमें स्टेशन मास्टर को कामकाज और सिग्नल सिस्टम के बारे में अच्छे से सिखाया जाता है।